आम होना ही खास है !

चारों तरफ देखती हूं मैं अपने, लोग लिए घूम रहे हैं अपने डिग्रीज का भार। मैं डॉक्टर हूं इतना पढ़ा है मैंने,लोगों की जान बचाता हूं, है क्या मुस्कुराना जरूरी…
आज भी जीवित है ईमानदारी !

आज भी जीवित है ईमानदारी !

                              बात हाल  की है मैं ऑफिस जाने के लिए एक ‘वॉल्वो बस ' में बैठी ।बैठते ही टिकट कलेक्टर मेरे पास आया मैंने कहाँ  मुझे ‘बेलंदूर पैट्रोल पंप'…
हम-तुम

हम-तुम

हम तुम जब 'हम' बन जाते है , बहुत से चीजे यूँ बदल जाती है। किस्मत यूँ खिल जाती है, हर मुश्किल आसां हो जाती है। हर लम्हा यूँ थम…